पिच = आईसीसी (ICC) के मानकों के अनुसार एक मानक क्रिकेट पिच की औसत लम्बाई 20 मीटर और चौड़ाई 3 मीटर होनी चाहिए।
विकेट = विकेट की ऊँचाई 720 मिमी और उसकी संयुक्त चौड़ाई 230 मिमी होनी चाहिए।
नो बॉल = क्रीज़ की पोप्पिंग रेखा से बाहर गेंदबाज़ का पैर पड़ने पर नो बॉल मानी जाती है। दोनों रेखाओं की लम्बाई 2.64 मीटर तथा दोनों के बीच की दूरी 1.2 मीटर होती है।
सुरक्षित क्षेत्र = जिस क्षेत्र में बल्लेबाज रन आउट या स्टंपिंग नहीं हो सकता, उस क्रीज़ से घिरे क्षेत्र को सुरक्षित क्षेत्र (Safe Zone) कहा जाता है।
वाइड बॉल = यदि गेंदबाज़ गेंद को गेंदबाज़ी करते समय उसे बल्लेबाज़ से अधिक दूर फेंके तो अम्पायर वाइड बॉल करार देता है। इसके लिए दो अतिरिक्त साइड क्रीज़ भी होती हैं जो वाइड बॉल का निर्धारण करती है।
बल्ला == बल्ले की मानक लम्बाई 970 मिमी और चौड़ाई 108 मिमी होती है। बल्ले के शीर्ष पर बेलनाकार हेंडल होता है। हेंडल की चौड़ाई ब्लेड से कम होती है। हेंडल की चौड़ाई बल्ले की कुल लम्बाई से अधिक भी नहीं होनी चाहिए।
गेंद = गेंद की परिधि की मानक लम्बाई 230 मिमी होती है। गेंद का वज़न 155.9 से 163.0 ग्राम के बीच होता है।
सुरक्षा = बल्लेबाज़ को सुरक्षा के लिए हेलमेट, दस्ताने (ग्लव्स) और पेड्स पहनना अनिवार्य होता है।
मैच रेफ़री = प्रत्येक मैच के लिए एक मैच रेफ़री भी होता है जिसका काम खेल में नियमों को बनाये रखना होता है। और यदि कोई खिलाड़ी नियमों का उल्लंघन करता है तो उसे दंड देने का अधिकार मैच रेफ़री को होता है।
बोल्ड आउट = जब गेंद बल्ले से बचकर स्टम्प पर जा लगती है।
कैच आउट = बल्लेबाज के द्वारा शॉट मारने के बाद गेंद मैदान पर गिरने से पहले ही जब विपक्षी टीम का कोई खिलाड़ी कैच कर लेता है।
रन आउट = जब बल्लेबाज रन बनाने के चक्कर में गेंद विकेटकीपर या गेंदबाज के पास आने से पहले तक अपनी क़्रीज़ पर नहीं पहुँच पाता है।
एल. बी. डबल्यू. = (लैग बिफोर विकेट) विकेट के सामने पैर, जब कोई बल्लेबाज़ गेंद को मारने के लिए बल्ला उठाता है और बल्ला गेंद में नहीं लगता है या खिलाड़ी गेंद को पैर से रोकने की कोशिश करता है।
हिट-विकेट = अगर बल्लेबाज़ गेंद को हिट करते समय अपना ही बल्ला या पैर स्टम्प को मार देता है तो वह 'हिट-विकेट' तरीक़े से आउट हो जाता है।
स्टम्प आउट = यदि बल्लेबाज शॉट मारते समय क़्रीज़ से बाहर हो जाता है और स्टम्प के पीछे खड़ा खिलाड़ी, जिसे विकेटकीपर कहा जाता है, गेंद को स्टम्प से छुआ देता है तो उसे 'स्टम्प आउट' कहकर आउट मान लिया जाता है।
हैडल्ड द बाल = यदि बल्लेबाज़ गेंद को दोबारा हिट करने की कोशिश करता है या उसे किसी ओर तरीक़े से रोकने की कोशिश करता है तो उसे 'हैडल्ड द बाल' तरीक़े से आउट मान लिया जाता है।
बल्ला = बल्ला लकड़ी का होता है। जिसकी मानक लम्बाई 970 मिमी और चौड़ाई 108 मिमी होती है। बल्ले के शीर्ष पर बेलनाकार हेंडल होता है। हेंडल की चौड़ाई ब्लेड से कम होती है। हेंडल की चौड़ाई बल्ले की कुल लम्बाई से अधिक भी नहीं होनी चाहिए।
गेंद = गेंद गोलाकार होती है और कठोर चमड़े की बनी होती है जिसके बीच में लकड़ी का गोला होता है। टेस्ट मैचों में गेंद का रंग लाल और एकदिवसीय मैचों में सफ़ेद गेंद का प्रयोग होता है जिसकी परिधि की मानक लम्बाई 230 मिमी होती है। गेंद का वजन 155.9 और 163.0 ग्राम औसत के बीच होता है।
रन = जब कोई बल्लेबाज़ गेंद को 'बाउँड्री' तक पहुँचा देता है, तो उसे बिना दौड़े एक साथ चार रन मिल जाते हैं। और अगर उसकी गेंद मैदान को बिना छुए बाउँड्री पार कर जाए तो उसे एक साथ छः रन मिल जाते हैं। नहीं तो गेंद वापस आने तक वह जितनी बार दोनों स्टम्पों के बीच का फ़ासला (22 गज) तय करता है, उतने ही रन उस बल्लेबाज़ के नाम के आगे जोड़ दिए जाते हैं। कई बार बल्लेबाज़ को बिना गेंद मारे भी रन मिल जाते हैं। यानी अगर गेंद बल्लेबाज़ के शरीर को छूकर या विकेट कीपर को चकमा देकर निकल जाएँ तो 'लेग बाई' और 'बाई' के रन मिल जाते हैं और यदि गेंदबाज़ ग़लत ढंग से गेंद फेंके और अम्पायर 'नो बाल' का या 'वायड बाल' का एलान कर दे तो भी खेलने वाली टीम को एक रन मिल जाता है। और हाँ, 'नो बाल' पर आउट हुए खिलाड़ी को आउट हुआ नहीं माना जाता है।
पिच = क्रिकेट जिस सतह पर खेला जाता है, उसे पिच कहते हैं। ICC के मानको के अनुसार एक मानक क्रिकेट पिच की औसत लम्बाई 20 मीटर और चौड़ाई 3 मीटर होती है। इन विकेटों के बीच की लम्बाई और चौड़ाई के अन्तर को ही पिच कहते हैं। पिच एक समतल सतह होती है, इस पर बहुत ही कम घास होती है। पिच की हालत मैच और टीम की रणनीति पर प्रभाव डालती है। पिच की वर्तमान और प्रत्याशित स्थिति टीम की रणनीति को निर्धारित करती है।
अम्पायर = क्रिकेट के मैच के दौरान आउट करने का अधिकार इसी महत्त्वपूर्ण व्यक्ति पर होता है। खेल दो अम्पायरों के द्वारा संचालित और नियंत्रित किया जाता है। जिनमे से एक पिच पर होता है जिसे प्रथम अम्पायर कहते हैं और दूसरा बल्लेबाज़ की ऑन साइड पर 10-12 मीटर की दूरी पर होता है जिसे द्वितीय अम्पायर या लेग अंपायर भी कहते हैं। यदि किसी स्थिति में दोनों अम्पायर निर्णय करने में असमर्थ होते है तो निर्णय देने के लिए तीसरे अम्पायर (थर्ड अंपायर) को कहा जाता है जो टेलीविज़न और कैमरे की सहायता से निर्णय लेता है। क्रिकेट में अम्पायर का निर्णय सर्वमान्य होता है।
स्कोर बोर्ड = परिचालक को स्कोरर कहते हैं। क्रिकेट के खेल में दो स्कोर बोर्ड परिचालक होते है जो स्कोर बोर्ड को नियंत्रित और परिचालित करते हैं। स्कोर बोर्ड पर मुख्य आंकड़े दिखाए जाते हैं जैसे- रन, ओवर, विकेट, अतिरिक्त रन, आदि दिखाए जाते हैं।
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