राजस्थान का राजनितिक एकीकरण (१९४८-५६)
वर्तमान राजस्थान राज्य का निर्माण मुख्यत: पुरानी रियासतों को मिलाकर किया गया था.
सबसे पुरानी रियासत मेवाड़ और सबसे बड़ी रियासत जोधपुर थी.
राजस्थान के एकीकरण की प्रक्रिया १७ मार्च १९४८ को शुरू हुई और १ नवम्बर १९५६ को पूरी हुई जो सात चरणों में पूरी हुई और अपने राजस्थान का निर्माण हुआ.
पहला चरण- 17 मार्च 1948 (मत्स्य संघ का निर्माण)
सबसे पहले अलवर , भरतपुर, धौलपुर, व करौली नामक चार देशी रियासतो का विलय कर तत्कालीन भारत सरकार ने फरवरी 1948 मे अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल कर मत्स्य यूनियन के नाम से पहला संघ बनाया. 17 मार्च 1948 को मत्स्य संघ का उद़घाटन हुआ और धौलपुर के तत्कालीन महाराजा उदय सिंह को इसका राजप्रमुख मनाया गया। इसकी राजधानी अलवर रखी गयी थी। मत्स्य संघ का नामकरण के. एम. मुंशी की सलाह पर किया गया था. मत्स्य संघ नामक इस नए राज्य का क्षेत्रफल करीब तीस हजार किलोमीटर था। जनसंख्या लगभग 19 लाख और आय एक करोड 83 लाख रूपए सालाना थी।
दूसरा चरण 25 मार्च 1948 (पूर्व राजस्थान/संयुक्त राजस्थान पूर्व)
राजस्थान के एकीकरण का दूसरा चरण पच्चीस मार्च 1948 को 9 स्वतंत्र देशी रियासतों बांसवाडा, कोटा, बूंदी, झालावाड, टौंक, डूंगरपुर, प्रतापगढ , किशनगढ और शाहपुरा को मिलाकर बने राजस्थान संघ के बाद पूरा हुआ। राजस्थान संघ में विलय हुई रियासतों में कोटा बडी रियासत थी इस कारण इसके तत्कालीन महाराजा महाराव भीमसिंह को राजप्रमुख बनाया गया तथा राजधानी कोटा बनाया गया था. पुर राजस्थान में शामिल होते वक्त विलय-पत्र पर हस्ताक्षर करते हुए बांसवाडा नरेश चन्द्रवीर सिंह ने कहा : 'में अपने मौत के परवाने/मृत्यु-अधिपत्र पर हस्ताक्षर कर रहा हूँ'.
तीसरा चरण 18 अप्रैल 1948 (संयुक्त राजस्थान द्वितीय )
18 अप्रेल 1948 को राजस्थान के एकीकरण के तीसरे चरण में (मेवाड़)उदयपुर रियासत का राजस्थान संघ में विलय हुआ और इसका नया नाम हुआ संयुक्त राजस्थान द्वितीय संघ। माणिक्य लाल वर्मा के नेतृत्व में बने इसके मंत्रिमंडल में उदयपुर के महाराणा भूपाल सिंह को राजप्रमुख बनाया गया कोटा के महाराव भीमसिंह को वरिष्ठ उपराजप्रमुख बनाया गया तथा राजधानी उदयपुर को बनाया गया था.
चौथा चरण तीस मार्च 1949 (वृहत् राजस्थान ३० मार्च १९४९)
यह राजस्थान के राजनितिक एकीकरण का सर्वाधिक महत्वपूर्ण चरण था. ३० मार्च १९४९ ई. को चार बड़ी रियासतों - बीकानेर , जयपुर, जैसलमेर व जोधपुर - को संयुक्त राजस्थान द्वितीय में मिलाकर इस संघ का निर्माण किया गया इस संघ की राजधानी जयपुर और इसका राजप्रमुख जयपुर के महाराजा सवाई मान सिंह को बनाया गया था.वृहत् राजस्थान का उद्घाटन सरदार वल्लभ भाई पटेल ने ३० मार्च १९४९ को किया. पं. हीरालाल शास्त्री को वृहत् राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाया गया. उस समय प्रांतीय सरकार के प्रधान के लिए "प्रधानमंत्री" पदनाम का ही प्रयोग किया जाता था. बाद में इसी तिथि को यानि की ३० मार्च को राजस्थान दिवस घोषित किया गया और अब भी ३० मार्च के दिन राजस्थान दिवस मनाया जाता है.
पांचवा चरण १५ मई 1949 (संयुक्त वृहत् राजस्थान)
१५ मई 1949 को मत्स्य संघ का विलय वृहत् राजस्थान में मिलाकर 'संयुक्त वृहत् राजस्थान" का निर्माण किया गया। भारत सरकार ने 17 मार्च 1948 को जब मत्स्य संघ बनाया था तभी विलय पत्र में लिख दिया गया था कि बाद में इस संघ का राजस्थान में विलय कर दिया जाएगा। संयुक्त वृहत् राजस्थान के राजप्रमुख तथा राजधानी वे ही थे जो वृहत् राजस्थान के थे. (शंकर देव समिति की सिफारिश के आधार पर मत्स्य संघ का वृहत् राजस्थान में विलय किया गया).
छठा चरण 26 जनवरी 1950 (राजस्थान संघ)
26 जनवरी 1950 को सिरोही रियासत का भी विलय संयुक्त वृहत् राजस्थान में कर दिया गया। इस भारत एक सम्प्रभुत्त्वसम्पन्न लोकतांत्रिक गणतन्त्र देश घोषित किया गया. और राजस्थान संघ का निर्माण किया गया.
सांतवा चरण एक नवंबर 1956 (वर्तमान राजस्थान)
१ नवम्बर १९५६ ई. को राज्य पुनर्गठन अधिनियम, १९५६ लागु हुआ. इस अधिनियम के अंतर्गत कोटा जिले का सिरोंज तहसील मध्य भारत या मध्यप्रदेश में चला गया और अजमेर - मेरवाडा, आबू तहसील एवं मध्यप्रदेश राज्य के मंदसौर जिले की भानपुरा तहसील का सुनेल टप्पा वाला भाग राजस्थान संघ में मिला दिया गया. इस तरह से राजस्थान राज्य का निर्माण हुआ . जिसकी राजधानी जयपुर को बनाया गया.
राजस्थान के एकीकरण
राजस्थान के गठन के सात चरणों
(1948-1956)
क्रम सं.
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समूह का नाम
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राज्य
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एकीकरण की तिथि
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01.
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मत्स्य संघ
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अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली
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17-03-1948
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02.
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राजस्थान संघ
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बांसवाड़ा, बूंदी, Dungerpur, झालावाड़, किशनगढ़, कोटा, प्रतापगढ़, Shahpura, टोंक.
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25-03-1948
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03.
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राजस्थान के संयुक्त राज्य
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उदयपुर राजस्थान के अन्य संघ के साथ शामिल हो गए.
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18-04-1948
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04.
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ग्रेटर राजस्थान
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बीकानेर, जयपुर, जैसलमेर, जोधपुर और राजस्थान के संयुक्त राज्य के साथ शामिल हो गए.
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30-03-1949
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05.
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ग्रेटर राजस्थान के संयुक्त राज्य
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मत्स्य संघ भी ग्रेटर राजस्थान में विलय |
15-05-1949
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06.
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संयुक्त राजस्थान
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संयुक्त राजस्थान के 18 राज्यों अबू और Delwara को छोड़कर रियासत सिरोही के साथ विलय कर दिया. |
26-01-1950
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07.
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पुनः संगठित राजस्थान के
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राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 के तहत पूर्व अजमेर के 'सी' राज्य का हिस्सा, अबू रोड तालुका, जो बम्बई राज्य के पूर्व, और पूर्व मध्य भारत के Sunel Tappa क्षेत्र में विलय हो गया राजसी राज्य सिरोही के पूर्व भाग राजस्थान के साथ विलय और झालावाड़ जिले के subdistrict सिरोंज मध्यप्रदेश को हस्तांतरित किया गया. |
1956/01/11
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