Sunday, March 26, 2017

राजस्थान की मिट्टी के प्रकार

रेतीली/बलुई मिट्टी - 
जिले - जैसलमेर,बाड़मेर ,बीकानेर, जोधपुर, चुरू, नागौर आदि 
विशेषता - मोटे कण वाली इस मिट्टी मे जलधारण क्षमता कम होती है बाजरा, मोठ, मूंग के लिए उपयुक्त सबसे अधिक क्षेत्र पर विस्तारित मिट्टी . 

जलोढ़/कछारी मिट्टी - 
जिले - जयपुर, धोलपुर ,भरतपुर , कोटा, अलवर, टोंक आदि 
विशेषता - यह मिट्टी अत्यधिक उपजाऊ तथा अधिक जलधारण क्षमता यह मिट्टी नदियों द्वारा बहाकर लाई गयी है . 


काली मिट्टी - 
जिले - कोटा, बूंदी, झालावाड(हाडौती क्षेत्र) 
विशेषता - कपास के लिय उपयुक्त . सीरोजम/धूसर मरुस्थलीय मिट्टी – अरावली के पश्चिम क्षेत्र पाली नागौर, जालौर . इसमें उर्वरा शक्ति कम पाई जाती है 

लवणीय मिट्टी – 
जिले -गंगानगर , बीकानेर, बाड़मेर, जालौर आदि 
विशेषता -यह मिट्टी क्षारीय व लवणीय तत्वों की अधिकता, इसके उपचार के लिए जिप्सम का प्रयोग किया जाता है 

लाल दोमट मिट्टी – 
जिले - उदयपुर , डूंगरपुर , बाँसवाड़ा , चितौड़गढ़ 
विशेषता - लौह तत्त्वों की अधिकता जो मक्का की फसल के लिए उपयुक्त 


भूरी मिट्टी – 
जिले - भीलवाडा, अजमेर, टोंक, सवाईमाधोपुर आदि 
विशेषता -  बनास के प्रवाह क्षेत्र की इस मिट्टी मे नाइट्रोजन व फास्फोरस तत्त्वों का अभाव होता है 

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