दक्षिणी-पूर्वी पठारी प्रदेश (हाड़ौती का पठार) राजस्थान का दक्षिणी-पूर्वी क्षेत्र एक सुनिश्चित भौगोलिक इकाई है जिसे ‘हाड़ौती का पठार’ के नाम से जाना जाता है। इसके अन्तर्गत चार जिले कोटा, बारां, बून्दी एवं झालावाड़ सम्मिलित किये जाते है। इस प्रदेष का क्षेत्रिय विस्तार 24,185 वर्ग कि.मी. है तथा इसकी पूर्वी, दक्षिणी एवं दक्षिणी-पष्चिमी सीमायें मध्य प्रदेष से मिलती है।
भौगोलिक प्रारूप उच्चावच की दृष्टि से यह प्रदेष मालवा के पठार का उत्तरी भाग है। मूलरूप से यहाँ का धरातल पठारी है, इसी कारण इसको ‘हाड़ौती का पठार‘ नाम दिया जाता है।
इस प्रदेष में अर्द्ध-चन्द्राकार रूप में पर्वत श्रेणियों का विस्तार है जो क्रमषः बूँदी और मुकुन्दवाड़ा की पहाड़ियों के नाम से जानी जाती है। बूँदी की श्रेणी एक दोहरी पर्वतमाला है जिसकी लम्बाई लगभग 90 कि.मी. है तथा ऊँचाई समुद्रतल से 300 से 350 मीटर है। मुकुन्दवाड़ा श्रेणी का विस्तार लगभग 120 कि.मी. की लम्बाई में है तथा इसकी औसत ऊँचाई 335 से 503 मीटर है। इस श्रेणी का सर्वो च्च षिखर चंदवाड़ी क्षेत्र में 517 मीटर ऊँचा है। इस पठारी भाग पर चम्बल, काली सिन्ध, पार्वती, मेज…